कोशिशें तुमने बहुत कीं,<br>
हमको मिटाने के लिए ।<br>
जुल्म ज़ुल्म तुमने क्या- क्या किये?<br>
हमें पत्थर बनाने के लिए ॥<br>
जो हर तूफ़ां को झेल जाता है ।<br>
अंकित हो जाती हर तस्वीर उस पर<br>
फ़िर फिर नहीं मिट पाता है ॥<br>
शायद तुम्हें मालूम न हो,<br>
पत्थर का निशान होता है अमिट।<br>
सदियों बाद पढ. पढ़ सकते हैं उसे, <br>
उसका इतिहास होता है अमिट ॥<br>
वक्त वो जाता रहा ।<br>
अब हम कहेंगे तुम सुनोगे,<br>
वक्त ऎसा ऐसा आ गया ॥<br>
चाहे जितना आजमां लो,<br>
देखेंगे कितना जोर तुम में है?<br>
मोड. मोड़ देंगे रुख हवा का,<br>
हौसला इतना अभी भी हम में है ॥<br>