गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बीती ताहि बिसारि दे / गिरिधर
25 bytes removed
,
13:47, 10 सितम्बर 2014
|रचनाकार=गिरिधर
}}
[[Category:कुण्डलियाँ]]
{{KKCatKundaliyan}}
<poeM>बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ।
जो बनि आवै सहज में, ताही में चित देइ॥
कह 'गिरिधर कविराय यहै करु मन परतीती।
आगे को सुख समुझि, होइ बीती सो बीती॥
</poeM>
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,176
edits