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गोदोहन / सूरदास
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21:41, 2 जनवरी 2008
कैसैं धार दूध की बाजति, सोई सोइ विधि तुम मोहिं बतावहु ।<br>
निपट भई अब साँझ कन्हैया, गैयनि पै कहुँ चोट लगावहु ।<br>
सूर श्याम सौं कहत ग्वाल सब,धेनु दुहन प्रातहि उठि आवहु
॥2॥
॥1॥
Pratishtha
KKSahayogi,
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