रचनाकार: केदारनाथ सिंह
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
यही हुआ था पिछ्ली बार
यही होगा अगली बार भी
हम फिर मिलेंगे
किसी दूसरे शहर में
और ताकते रह जाएंगे
एक-दूसरे का मुंह
'अकाल में सारस' नामक कविता-संग्रह से
रचनाकार: केदारनाथ सिंह
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यही हुआ था पिछ्ली बार
यही होगा अगली बार भी
हम फिर मिलेंगे
किसी दूसरे शहर में
और ताकते रह जाएंगे
एक-दूसरे का मुंह
'अकाल में सारस' नामक कविता-संग्रह से