Last modified on 25 नवम्बर 2010, at 06:45

रेत / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:45, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>सांस-सांस में रच-पच बिगसै रंग रेत रा कांई है सारै म्हारो जीणो-म…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सांस-सांस में
रच-पच बिगसै
रंग रेत रा


कांई है सारै
म्हारो जीणो-मरणो
रेत रै लारै


आ रेत रोसै
मा है मा, देखो लाड
आ रेत पोखै


हां, सोवै-जागै
ऐ दिन-रात म्हारा
रेत रै सागै