बस एक ही डर है कि कवि को
उसके बियाबान में निर्वासन का जो
वज़नदार पत्थर थमा दिया गया वह
अमरता की विस्मयादिबोधक
भारी
ट्राफ़ी
न
हो
बस एक ही डर है कि कवि को
उसके बियाबान में निर्वासन का जो
वज़नदार पत्थर थमा दिया गया वह
अमरता की विस्मयादिबोधक
भारी
ट्राफ़ी
न
हो