Last modified on 15 जुलाई 2015, at 14:12

हरियर मड़वा धयले मउरिया सम्हारइ बंदे / मगही

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:12, 15 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हरियर<ref>हरे-हरे, बाँसों के</ref> मड़वा धयले<ref>धरकर, पकड़कर</ref> मउरिया सम्हारइ बंदे।
मउरी के झांेक मजेदार, झुमाझम रे बंदे।
दुलहा के मउरी से छुटल पसेना बंदे।
दुलहिन के चाकर<ref>नौकर</ref> बंदे, दाँवँन<ref>दामन, आँचल</ref> से पोंछल पसेना बंदे॥1॥
हरियर मड़वा धयले मोजवा<ref>पैर में पहने वाला पायतावा</ref> सम्हारइ बंदे।
मोजा पर जुत्ता मजेदार, झमाझम रे बंदे, चमाचम रे बंदे।
दुलहा के मोजा से छुटल पसेना बंदे।
दुलहिन के चाकर बंदे, दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे॥2॥
हरियर मड़वा धयले, दलहिन सम्हारइ बंदे।
दुलहिन के घूँघुट मजेदार झमाझम रे बंदे, चमाचम रे बंदे।
दुलहा के अंग से छुटल पसेना बंदे।
दुलहिन के चाकर बंदे दाँवँन से पोंछल पसेना रे बंदे॥3॥

शब्दार्थ
<references/>