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साओन / ऋतु-प्रिया / चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’

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आयल साओन मास सोहाओन
साजल जलधर-माला
तनने मेघक घोघ, गगन सँ
विहुँसथि बिजुरी बाला

हरिअर कोर पटोर पहिरि कय
छमकथि पावस रानी
चंचल मन मरमोसि रहल छथि
बड़ बड़ ज्ञज्ञनी मानी

अपन कलुषमय नील हृदय केँ
नभ घन-पट सँ झाँपय
शत शत व्रण तारावलि लखितहिं
कत खन भय सँ काँपय

झूमि उठल कालिन्दी-तट पर
हरित कदम्बक पाँती
कन्दुक कुसुमक चौदिश गुन गुन
करय भ्रमर उत्पाती

घनश्यामक छवि श्याम मधुप
आ ई श्यामल घनमाला
देखि भ्रमहि नोरेँ भसिआइलि
सब विरहिनि व्रजबाला

वसुधा पीबि सुधा रभसइ छथि
किन्तु भसइ छथि राधा
जीवन मे सहजहिं संशय छनि
मरणहुँ आघा बाधा

तजि मर्यादा उछललि सरिता
छललि गेलि तेहि पापेँ
छिछिआइलि रन-वन-भुतिआइलि
गलइछ तेहि सन्तापेँ

अनुखन सन सन सनन सनन सन
उपवन पवन झमारय
लहलह करइत लपटलि लतिका
तरु केँ जनु परतारय

चहकल विहगक दल खोंता मे
चहकल मेघक छाती
अपने करुण-कथा कहइत अछि
लिखित उज्जर वक-पाँती

उमड़ल पच्छिम घटा छटा लखि
नाचल मुदित कलापी
नदी नहरि डाबर-सर उमड़ल
भरल कूप ओ वापी

पर्वत सन आकार बना घन
दमसि दमसि दमसाबय
दिगदिगन्त मे दिग्गज-दलकेँ
तमकि तमकि तमसाबय

मधुश्रावणी पाबि मुदित छथि
माँतलि कृषक किशोरी
दिन-रजनी के बान्हल संगहि
ई घन प्रेमक डोरी