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अंगिका सोहर गीत (तृतीय खण्ड)
Lalit Kumar
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खेलवना
आजु सुमगल दायक, सब बिधि लायक हे / अंगिका लोकगीत
ओरी ओरी फूल फुलाय गेलै, अरे दैयाँ, से फूल लोढ़ब कैसे / अंगिका लोकगीत
आबह हे सासु आबह, तू पँजरा लागि आबि बैठह हे / अंगिका लोकगीत
उठले रे दरदिया जियरा बाउर मोरी हे ननदी / अंगिका लोकगीत
पीपर-पिलाई
सोठिया हम सँजोगल, मन छेलऽ धिया होती हे / अंगिका लोकगीत
पिपरिया हम नय खैबै, कडु़ लागै / अंगिका लोकगीत
छठी पूजन
छठम दिन छठियार, साठि अराधल रे / अंगिका लोकगीत
आँख अँजाई / अंगिका लोकगीत
काजर के कजरौटी, कजर हमे सेदल रे / अंगिका लोकगीत
बधैया
केकरा क जनमल राम, किनका भरथ लाल हे / अंगिका लोकगीत
सुभ लगन जी सुभ लगना जी, नद क पोता भए, सुभ लगना जी / अंगिका लोकगीत
आमा रे महुअबा केर दुइ रे बीरिछिया, तही तरे सुगवा सुगिया बोलै हे / अंगिका लोकगीत
भैया घर जबे बेटा भेलै, बहिनी बधैया माँगे ऐली आहो लाल / अंगिका लोकगीत