Last modified on 15 अप्रैल 2010, at 18:51

कालीबंगा: कुछ चित्र-16 / ओम पुरोहित ‘कागद’

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:51, 15 अप्रैल 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित कागद }} {{KKCatKavita}} <poem> मिला है जब कालीबंगा क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मिला है जब
कालीबंगा के थेहड़ में
राजा का बास
तो जरूर रहे होंगे
अतीत के आखर

कैसे मिट गए लेकिन
किसी ने ज़रूर
भगाई होगी भूख
कुछ दिन

तभी तो मिलता है
अस्थिपंजरों में
इतिहास कालीबंगा का।


राजस्थानी से अनुवाद : मदन गोपाल लढ़ा