Last modified on 6 मई 2007, at 22:32

जाते जाते वो मुझे / जावेद अख़्तर

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:32, 6 मई 2007 का अवतरण (New page: रचनाकार: जावेद अख़्तर Category:कविताएँ Category:गज़ल Category:जावेद अख़्तर ~*~*~*~*~*~*~*~*...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकार: जावेद अख़्तर

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया
उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया

उस से मैं कुछ पा सकूँ ऐसी कहाँ उम्मीद थी
ग़म भी वो शायद बरा-ए-मेहरबानी दे गया

सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई
और मुझ को एक करती बादबानी दे गया

ख़ैर मैं प्यासा रहा पर उस ने इतना तो किया
मेरी पलकों की कतारों को वो पानी दे गया