Last modified on 26 नवम्बर 2010, at 04:14

पण आज / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:14, 26 नवम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>पैलड़ी रात रै सुख दांई हाल तांई याद है बै अदीतवार बा गपशप बा मान…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पैलड़ी रात रै सुख दांई
हाल तांई याद है
बै अदीतवार
बा गपशप
बा मान-मनवार

भायलां नै देख
हरखता भायला
केई दिन हुयां
जावणो ई पड़तो
आवण लागती हर
पण आज
जे अदीतवार हुवै तो
किणी रै घरां जावतां
        लागै डर !