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इन्नअकेन्ती आन्निनस्की

| जन्म | 01 सितम्बर 1855 |
|---|---|
| निधन | 13 दिसम्बर 1909 |
| उपनाम | Иннокентий Фёдорович Анненский |
| जन्म स्थान | साँक्त पितिरबूर्ग, रूस |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| इन्नअकेन्ती आन्निनस्की अपने दौर में रूस और यूरोप में कविता के क्षेत्र में चल रहे प्रतीकवादी आन्दोलन में गहरी दिलचस्पी ले रहे थे। उनकी अनेक कविताओं में यह प्रतीकवाद दिखाई देता है। कुछ आलोचकों का मानना है कि रूसी प्रतीकवादी कवियों में आन्निन्स्की की कविता में निराशावाद का भी गहरा असर दिखाई देता है। आन्निनस्की जीवन को एक ’उत्पाती इन्द्रजाल’ मानते थे, जो बेहद लुभावना और आकर्षक है, लेकिन यह जीवन वास्तव में उतना ही दु:खद दु:स्वप्न भी है, क्योंकि इसका अन्त आख़िरकार मृत्यु में ही होना है। मृत्यु की अनिवार्यता और उससे पूरी तरह अपरिचित होना प्रतीकवादी कविता की ख़ासियत है और यह ख़ासियत आन्निनस्की की कविता में विशेष रूप से उभरकर सामने आती है। आन्निन्स्की का मानना था कि मृत्यु की अपरिहार्यता ही जीवन की विशेषता है। | |
| जीवन परिचय | |
| इन्नअकेन्ती आन्निनस्की / परिचय | |

