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नासिरा शर्मा का जन्म 22 अगस्त, 1948 को इलाहाबाद में हुआ। उन्होंने फ़ारसी भाषा और साहित्य में एम.ए. किया। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज्जी, पश्तो एवं फ़ारसी पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इराक्र, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षातकार किए, जो बहुचर्चित हुए। ईरानी युद्धबन्दियों पर जर्मन व फ्रांसीसी दूरदर्शन के लिए बनी फ़िल्म में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। सर्जनात्मक लेखन में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है।
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[[नासिरा शर्मा]] का जन्म 22 अगस्त, 1948 को इलाहाबाद में हुआ। उन्होंने फ़ारसी भाषा और साहित्य में एम०ए० किया। हिन्दी, उर्दू, अँग्रेज़ी, पश्तो एवं फ़ारसी पर उनकी गहरी पकड़ है। वे ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इराक्र, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किए, जो बहुचर्चित हुए। ईरानी युद्धबन्दियों पर जर्मन व फ्रांसीसी दूरदर्शन के लिए बनी फ़िल्म में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। सर्जनात्मक लेखन में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है।
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उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं— बहिश्ते जहरा, शाल्मली, ठीकरे की मँगनी, ज़िन्दा मुहावरे, कुइयाँ जान, जीरो रोड, अक्षयवट, अजनबी जज़ीरा, पारिजात, काग़ज़ की नाव, शब्द पखेरु, दूसरी जन्नत, अल्फ़ा-बीटा-गामा, कुछ रंग थे ख़्वाबों के (उपन्यास); शामी काग़ज्ज, पत्थर गली, संगसार, इब्ने मरियम, सबीना के चालीस चोर, ख़ुदा की वापसी, बुतख़ाना, दूसरा ताजमहल, इनसानी नस्ल, सुनहरी उँगलियाँ (कहानी-संग्रह); राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत, औरत की दुनिया, वो एक कुमारबाज़ थी, औरत की आवाज़, मैंने सपना देखा (लेख-संग्रह); जहाँ फ़व्वारे लहू रोते हैं (रिपोर्ताज); यादों के गलियारे (संस्मरण); अपने ख़्वाब की ताबीर चाहती हूँ (साक्षात्कार); अफ़ग़ानिस्तान : बुज्जकशी का मैदान, मरजीना का देश इराक़ (सम्पूर्ण अध्ययन व शोध); शहनामा-ए-फ़िरदौसी, ग़लिस्तान-ए-सादी, क़िस्सा जाम का, काली छोटी मछली, पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट, बर्निंग पायर, अदब में बाईं पसली (अनुवाद); किताब के बहाने, सबसे पुराना दरख्त (आलोचना); जब समय बदल रहा हो इतिहास (विविध)।
  
उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं- बहिश्ते जहरा, शाल्मली, ठीकरे की मँगनी, जिन्दा मुहावरे, कुइयाँ जान, जीरो रोड, अक्षयवट, अजनबी जजीरा, पारिजात, काग़ज़ की नाव, शब्द पखेरु, दूसरी जन्नत, अल्फ़ा-बीटा-गामा, कुछ रंग थे ख्वाबों के (उपन्यास); शामी काग़ज्ज, पत्थर गली, संगसार, इब्ने मरियम, सबीना के चालीस चोर, खुदा की वापसी, बुतखाना, दूसरा ताजमहल, इनसानी नस्ल, सुनहरी उँगलियाँ (कहानी-संग्रह); राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत, औरत की दुनिया, वो एक कुमारबाज थी, औरत की आवाज्ज, मैंने सपना देखा (लेख-संग्रह); जहाँ फ़व्वारे लहू रोते हैं (रिपोर्ताज); यादों के गलियारे (संस्मरण); अपने ख़्वाब की ताबीर चाहती हूँ (साक्षात्कार); अफ़ग़ानिस्तान : बुज्जकशी का मैदान, मरजीना का देश इराक़ (सम्पूर्ण अध्ययन व शोध); शहनामा-ए-फ़िरदौसी, ग़लिस्तान-ए-सादी, क़िस्सा जाम का, काली छोटी मछली, पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट, बर्निंग पायर, अदब में बाईं पसली (अनुवाद); किताब के बहाने, सबसे पुराना दरख्त (आलोचना); जब समय बदल रहा हो इतिहास (विविध)।
 
 
इनके अलावा बाल-साहित्य, दूरदर्शन और रेडियो के लिए भी विपुल लेखन।
 
इनके अलावा बाल-साहित्य, दूरदर्शन और रेडियो के लिए भी विपुल लेखन।
 
सम्पर्क : naserasharma22@gmail.com
 
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20:44, 18 सितम्बर 2025 के समय का अवतरण

नासिरा शर्मा का जन्म 22 अगस्त, 1948 को इलाहाबाद में हुआ। उन्होंने फ़ारसी भाषा और साहित्य में एम०ए० किया। हिन्दी, उर्दू, अँग्रेज़ी, पश्तो एवं फ़ारसी पर उनकी गहरी पकड़ है। वे ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इराक्र, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किए, जो बहुचर्चित हुए। ईरानी युद्धबन्दियों पर जर्मन व फ्रांसीसी दूरदर्शन के लिए बनी फ़िल्म में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। सर्जनात्मक लेखन में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं— बहिश्ते जहरा, शाल्मली, ठीकरे की मँगनी, ज़िन्दा मुहावरे, कुइयाँ जान, जीरो रोड, अक्षयवट, अजनबी जज़ीरा, पारिजात, काग़ज़ की नाव, शब्द पखेरु, दूसरी जन्नत, अल्फ़ा-बीटा-गामा, कुछ रंग थे ख़्वाबों के (उपन्यास); शामी काग़ज्ज, पत्थर गली, संगसार, इब्ने मरियम, सबीना के चालीस चोर, ख़ुदा की वापसी, बुतख़ाना, दूसरा ताजमहल, इनसानी नस्ल, सुनहरी उँगलियाँ (कहानी-संग्रह); राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत, औरत की दुनिया, वो एक कुमारबाज़ थी, औरत की आवाज़, मैंने सपना देखा (लेख-संग्रह); जहाँ फ़व्वारे लहू रोते हैं (रिपोर्ताज); यादों के गलियारे (संस्मरण); अपने ख़्वाब की ताबीर चाहती हूँ (साक्षात्कार); अफ़ग़ानिस्तान : बुज्जकशी का मैदान, मरजीना का देश इराक़ (सम्पूर्ण अध्ययन व शोध); शहनामा-ए-फ़िरदौसी, ग़लिस्तान-ए-सादी, क़िस्सा जाम का, काली छोटी मछली, पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट, बर्निंग पायर, अदब में बाईं पसली (अनुवाद); किताब के बहाने, सबसे पुराना दरख्त (आलोचना); जब समय बदल रहा हो इतिहास (विविध)।

इनके अलावा बाल-साहित्य, दूरदर्शन और रेडियो के लिए भी विपुल लेखन। सम्पर्क : naserasharma22@gmail.com