भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमारा कल मिलेगा आप को तुलसी के मानस में / अनुज ‘अब्र’
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:14, 11 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनुज ‘अब्र’ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हमारा कल मिलेगा आप को तुलसी के मानस में
सुनहरा पल मिलेगा आपको तुलसी के मानस में
अगर दुविधा है कोई,, आपके जीवन में तो पढ़िये
सभी का हल मिलेगा आपको तुलसी के मानस में
भिगो कर आपकी जो आत्मा को शुद्ध कर डाले
वो गंगा जल मिलेगा आपको तुलसी के मानस में
पराजित सत्य जब होता नजर आए तो पढ़ियेगा
बहुत सम्बल मिलेगा आपको तुलसी के मानस में
जिसे हम देखते ही अपने माथे पर लगाते हैं
वो तुलसी दल मिलेगा आपको तुलसी के मानस में

