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"वही ताज है वही तख़्त है / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है
 
वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है
 
ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है
 
ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है
  
बड़े शौक़ से मेरा घर जला कोई आँच न तुझपे आयेगी
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बड़े शौक़ से मेरा घर जला कोई आँच न तुझपे आएगी
ये ज़ुबाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी का ग़ुलाम है
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ये ज़ुबाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी की ग़ुलाम है
  
मैं ये मानता हूँ मेरे दिये तेरी आँधियोँ ने बुझा दिये
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मैं ये मानता हूँ मेरे दिए तेरी आँधियोँ ने बुझा दिए
 
मगर इक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है
 
मगर इक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है
 
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18:21, 27 मई 2012 का अवतरण

वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है
ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है

बड़े शौक़ से मेरा घर जला कोई आँच न तुझपे आएगी
ये ज़ुबाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी की ग़ुलाम है

मैं ये मानता हूँ मेरे दिए तेरी आँधियोँ ने बुझा दिए
मगर इक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है