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"मेरे पंख कट गए हैं / रमानाथ अवस्थी" के अवतरणों में अंतर
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मेरे पंख कट गये हैं | मेरे पंख कट गये हैं | ||
− | वरना मैं गगन को | + | वरना मैं गगन को गाता। |
कोई मुझे सुनाओ | कोई मुझे सुनाओ | ||
फिर से वही कहानी, | फिर से वही कहानी, | ||
कैसे हुई थी मीरा | कैसे हुई थी मीरा | ||
− | घनश्याम की | + | घनश्याम की दीवानी। |
मीरा के गीत को भी | मीरा के गीत को भी | ||
− | कोई विष रहा | + | कोई विष रहा सताता। |
कभी दुनिया के दिखावे | कभी दुनिया के दिखावे | ||
कभी खुद में डूबता हूँ, | कभी खुद में डूबता हूँ, | ||
थोड़ी देर ख़ुश हुआ तो | थोड़ी देर ख़ुश हुआ तो | ||
− | बड़ी देर ऊबता | + | बड़ी देर ऊबता हूँ। |
मेरा दिल ही मेरा दुश्मन | मेरा दिल ही मेरा दुश्मन | ||
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जो होना चाहिए था, | जो होना चाहिए था, | ||
मैं मुस्कराया तब भी | मैं मुस्कराया तब भी | ||
− | जब रोना चाहिए | + | जब रोना चाहिए था। |
मुझे सबने शक से देखा | मुझे सबने शक से देखा | ||
− | मैं किसको क्या बताता ? | + | मैं किसको क्या बताता? |
वह जो नाव डूबनी है | वह जो नाव डूबनी है | ||
मैं उसी को खे रहा हूँ, | मैं उसी को खे रहा हूँ, | ||
तुम्हें डूबने से पहले | तुम्हें डूबने से पहले | ||
− | एक भेद दे रहा | + | एक भेद दे रहा हूँ। |
मेरे पास कुछ नहीं है | मेरे पास कुछ नहीं है | ||
− | जो तुमसे मैं | + | जो तुमसे मैं छिपाता। |
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11:32, 3 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
मेरे पंख कट गये हैं
वरना मैं गगन को गाता।
कोई मुझे सुनाओ
फिर से वही कहानी,
कैसे हुई थी मीरा
घनश्याम की दीवानी।
मीरा के गीत को भी
कोई विष रहा सताता।
कभी दुनिया के दिखावे
कभी खुद में डूबता हूँ,
थोड़ी देर ख़ुश हुआ तो
बड़ी देर ऊबता हूँ।
मेरा दिल ही मेरा दुश्मन
कैसे दोस्ती निभाता!
मेरे पास वह नहीं है
जो होना चाहिए था,
मैं मुस्कराया तब भी
जब रोना चाहिए था।
मुझे सबने शक से देखा
मैं किसको क्या बताता?
वह जो नाव डूबनी है
मैं उसी को खे रहा हूँ,
तुम्हें डूबने से पहले
एक भेद दे रहा हूँ।
मेरे पास कुछ नहीं है
जो तुमसे मैं छिपाता।