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"ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
 
ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
 
माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में
 
माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में
  
तुम छत पर नहीं आये मैं घर से नहीं निकला
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तुम छत पे नहीं आये वो घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत लटका सावन कि घटाओं में
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ये चाँद बहुत लटका सावन की घटाओं में
  
 
इस शहर में इक लड़की बिल्कुल है ग़ज़ल जैसी
 
इस शहर में इक लड़की बिल्कुल है ग़ज़ल जैसी
फूलों की बदन वाली ख़ुशबू सी अदाओं में
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फूलों की बदन वाली ख़ुशबू-सी अदाओं में
  
 
दुनिया की तरह वो भी हँसते हैं मुहब्बत पर
 
दुनिया की तरह वो भी हँसते हैं मुहब्बत पर
डूबे हुये रहते थे जो लोग वफ़ाओं में
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डूबे हुए रहते थे जो लोग वफ़ाओं में
 
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20:50, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
माँगा था जिसे हम ने दिन रात दुआओं में

तुम छत पे नहीं आये वो घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत लटका सावन की घटाओं में

इस शहर में इक लड़की बिल्कुल है ग़ज़ल जैसी
फूलों की बदन वाली ख़ुशबू-सी अदाओं में

दुनिया की तरह वो भी हँसते हैं मुहब्बत पर
डूबे हुए रहते थे जो लोग वफ़ाओं में