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कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में(ऋतु वर्णन) / पद्माकर

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कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में
          क्यारिन में कलिन में कलीन किलकंत है.
कहे पद्माकर परागन में पौनहू में
          पानन में पीक में पलासन पगंत है
द्वार में दिसान में दुनी में देस-देसन में
          देखौ दीप-दीपन में दीपत दिगंत है
बीथिन में ब्रज में नवेलिन में बेलिन में
          बनन में बागन में बगरयो बसंत है