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मोरू भाई पांवणा / राजस्थानी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आया आया रे
मोरू भाई पांवणा

कांई आगे धोरा वाळो देश
बीरो बणजारो रे
कांई आया म्‍हारा देवर जेठ
बीरो बणजारो रे

सासू रांध्‍या रे मोरू भाई बांकळा
म्‍हारी नणद बिलोवे खाटी छाछ
बीरो बणजारो रे

मंगरिया उंछाळू रे
मोरू भाई बांकळा
नदिया में लिमोऊं खाटी छाछ
बीरो बणजारो रे

माथा धोऊं रे
मोरू भाई मेट सूं
कांई घालूं चमेली रो तेल
बीरो बणजारो रे