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क्वाटर / महेश नेनवाणी

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मुंहिंजी चइनि सालनि जी धीउ चयो
”पापा अचो रांद था करियूं
तव्हां मूंखे
गोल गोल घुमायो।“
मूं उन खे कमरे में
गोल गोल घुमाइण जी
कोशिश कई,
कॾहिं हूअ पलंग सां पेई टकिराइजे
त कॾहिं टेबुल सां
मुंहिंजी धीअड़ी पूंसां
खेॾी न सघी।