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फिर चिड़िया / पृथ्वी: एक प्रेम-कविता / वीरेंद्र गोयल
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सबसे पहले कविता
कविता में चिड़िया
चिड़िया पर बादल
बादल, आकाश में
आकाश में धरा
इस सौरमंडल की
इकलौती आँख
उसमंे मनुष्य
उसकी करुणा
करुणा प्यारभरी
प्यार के लिए एक वृक्ष
वृक्ष के लिए जंगल
जंगल में वो सब
था जो सदियों पहले
ताकि लौट सकें
बचपन में
क्योंकि सब-कुछ अब
असहनीय है और ओछा
चुभता दिल में
काँटे की तरह।