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जिये हम बहुत चाहतों के लिए / मृदुला झा

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कभी तो जियें आहतों के लिए।

यूँ ही प्यार की बात करते रहे,
लड़े क्यों सदा सरहदों के लिए।

अगर जीत लें क्रोध को प्यार से,
जगह ही नहीं दुश्मनों के लिए।

खली है सदा बेवफाई तेरी,
जिये जा रहे दोस्तों के लिए।

जुदाई की बातें न करना कभी,
करें काम हम बेकसों के लिए।