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हाइकु-२ / वसुधा कनुप्रिया

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बिछुड़ा मीत
नभ उड़ा विहग
जग की रीत

 
चैट औ मेल
चार दिन चाँदनी
प्यार है खेल

 
प्रेम अनोखा
कैमरे करे क़ैद
धोखा ही धोखा

 
सुख अनंत
मौसम अनुकूल
आया वसंत