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सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौग़ात लेकर आएगा / बुनियाद हुसैन ज़हीन
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सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौग़ात लेकर आएगा
जब कोई बच्चा नए जज़्बात लेकर आएगा
वक़्त जब मजबूरी -ए-हालात लेकर आएगा
ख़ून में डूबे हुए दिन-रात लेकर आएगा
ग़म तेरी बर्बादियों का देख लेना एक दिन
जान पर मेरी कई सदमात लेकर आएगा
अब वो मेरे सहन -ए-दिल में जब भी रक्खेगा क़दम
मेरे हिस्से की ख़ुशी भी साथ लेकर आएगा
मेरे ज़ख़्मों को वो फिर से ताज़ा करने के लिए
बातों -बातों में पुरानी बात लेकर आएगा
हम ग़रीबों की दुआओं का नया बदला ज़हीन
रहमतों की इक नई बरसात लेकर आएगा