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खोज - 1 / शशि सहगल

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मुझे तलाश है
एक सिर की,
देखिये मेरी बात सुनकर हँसिये नहीं
हँसना है/तो हँस लीजिये
जी हाँ
सिर ही कहा है मैंने

ऐसा सिर
जो सोच सकता हो
ऐसा सिर
जो खड़ा रह सकता हो
अगणित प्रलोभनों के खिलाफ
ऐसा सिर
जो आदमी की पहचान
खेमों से न करता हो।

ऐसा सिर
जो दीवार पर लिखी इबारत
पहचानता हो
ऐसा सिर
ऐसा सिर
ऐसा सिर
कहाँ हे ऐसा सिर?