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आह मैं बे-क़रार किस का हूँ / मीर 'सोज़'

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आह मैं बे-क़रार किस का हूँ
कुश्ता-ए-इंतिज़ार किस का हूँ

तीर सा दिल में कुछ खटकता है
देखियो मैं शिकार किस का हूँ

दिल है या मैं हूँ मैं हूँ या दिल है
और अब हम-किनार किस का हूँ

चैन आता नहीं मुझे यारो
दिल-ए-पुर-इजि़्तरार किस का हूँ

चाक है मिस्ल-ए-गुल तमाम बदन
या रब इतना फ़िगार किस का हूँ

‘सोज़’ मैं जो कहा कहाँ था यार
बोला चल-बे मैं यार किस का हूँ