भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उदासी-4 / राजेश्वर वशिष्ठ

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:42, 17 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश्वर वशिष्ठ |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दिन में कई बार चैक करता हूँ
फेसबुक और व्हाट्स-एप
पढ़ता हूँ पुराने स्टेटस और कमेण्टस
लगाता हूँ कितने सारे अनुमान
तुम्हारी अनुपस्थिति को लेकर
परेशानी और बेचैनी में
पिंघलने लगता हूँ
किसी ग्लेशियर की तरह
बहती है प्रतीक्षा की एक नदी

मैं उदास हूँ बस तुम्हारे लिए