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लूनी नदी / दीपक जायसवाल

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अमूमन नदियाँ समुन्दर में जाकर मिल जाती हैं
पूर्णता को धारण करते हुए
एक सुंदर जीवन जीते हुए
लेकिन कुछ नदियों को धरती सोख लेती है
या कोई रेगिस्तान उन्हें निगल जाता है
उम्रतलक अपनी हड्डियाँ
गलाने के बावजूद
ढेरों ढेर सारे लोग
एक सुंदर जीवन से कहीं बहुत दूर
गुमनाम मर जाते हैं
कोई समुन्दर उनका
इंतज़ार नहीं कर रहा होता