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उदासी / देवेन्द्र कुमार

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यह उदासी
आ रही हो
फूल वाली डाल से
ज्यों गन्ध बासी

हवा केवल हवा
धूप केवल धूप
रास्ते
बस रास्ते
उठाएँ किस हाथ से
आँखें पिया सी

यह उदासी
आ रही हो
फूल वाली डाल से
ज्यों गन्ध बासी