भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक दुर्घटना बचाते / रामकुमार कृषक
Kavita Kosh से
एक दुर्घटना बचाते
दूसरी से ग्रस्त हो जाना
बहुत सम्भव !
बहुत सम्भव
होश आना इस तरह से
होश खोना
क्रुद्ध लहरों से निकल
होना भँवर का,
और फिर
उसको हराते / हारते ख़ुद
पस्त हो जाना
बहुत सम्भव !
बहुत सम्भव
आग से दहते बदन पर
डालना जल
उधड़ जाना
चाक करना चीख़ बन
नभ का कलेजा,
और फिर
उसको कँपाते / काँपते ख़ुद
त्रस्त हो जाना
बहुत सम्भव !
7-9-1976