भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कभी तुझसे थी मेरी दोस्ती, मुझे याद है,मुझे याद है / मनु भारद्वाज
Kavita Kosh से
कभी तुझसे थी मेरी दोस्ती, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरे साथ थी मेरी हर ख़ुशी, मुझे याद है , मुझे याद है
मुझे याद है मेरे हमसफ़र, तेरा मान जाना न मानकर
तेरा रूठना वो कभी कभी, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरे गेसुओं की वो खुशबुएँ, मुझे जिनसे मिलती थी राहतें
बड़ी खुशगवार थी ज़िन्दगी, मुझे याद है , मुझे याद है
तेरी हसरतें, तेरी कुर्बतें, वो क़दम क़दम पे नवाज़िशें
न जुदा हुए थे जो हम कभी, मुझे याद है , मुझे याद है
मेरा प्यार मेरा करार तू, मेरी ज़िन्दगी तू है 'मनु'
यही बात तूने कभी कही, मुझे याद है , मुझे याद है