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कही सुणी पै चाल रह्या के / सतबीर पाई

कही सुणी पै चाल रह्या के कोन्या पाट्टी जाण तनै
आज तलक भी उस दुश्मन की कोन्या करी पहचान तनै...टेक

जिसके ऊपर करै भरोसा चाहते नहीं सुधार तेरा
बणकै ठेकेदार बीच मैं करै शोषण इस प्रकार तेरा
मतलब हो तो प्रेम करै फेर ना ज्यादा तकरार तेरा
जुल्मी ढाह्वै जुल्म तेरे पै नष्ट किया परिवार तेरा
कर्या जगह जगह प्रचार तेरा फेर नीच लगे दरसाण तनै...

नहीं उभारण आला सारे यां लोग हैं धोखेबाज देखे
छलिया कपटी मीत बणै न्यू पिछै रह्या समाज देखे
खुशहाली के चश्मे लाए तनै ना लाया अन्दाज देखे
आज कांशीराम के गेल लागज्या ना कोई एतराज देखे
वो तोड़ो रीति रिवाज देखे जो पीछे लगे धिकाण तनै...

इतनी घटती घटना फेर भी उसनै कहैं आजादी
नहीं सुणाई होवै किते भी के कर ले फरियादी
गुलामी का तेरा दायरा तनै सारी उम्र बितादी
समझदार नै मौत मिलै इस मूर्ख नै बरबादी
तेरी फंदे के मैं जान फंसादी इब लाग्या कौण बचाण तनै...

तेरी बुद्धि ऊपर इसा भ्रम का परदा डाल दिया
तेरा होया करै था राज आज तू कर कंगाल दिया
झूठे दे उपदेश पलट थारा लोगो ख्याल दिया
पाई वाले सतबीर सिंह तेरा कर बुरा हाल दिया
और बता किस तरियाँ कहद्यूं देदे कै प्रमाण तनै...