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सतबीर पाई
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सतबीर पाई
जन्म | 1965 |
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जन्म स्थान | पाई गांव, कैथल, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सतबीर पाई / परिचय |
हरियाणवी रचनाएँ
- आंख खोल कुछ मुंह तै बोल / सतबीर पाई
- झूठ कपट छल बेइमानी तै कर्या मुकम्मल राज तनै / सतबीर पाई
- ज्योतिबा हुए उदास रै झट चाल नदी पै आगे / सतबीर पाई
- अनपढ़ राखी कोन्या बाकी तनै मेरी आत्मा मोसी मां / सतबीर पाई
- लड़का लड़की एक फर्क क्यूं समझो सो नर नारी / सतबीर पाई
- दे दी वोट सपोट तेरा यू जिसनै मान बढ़ाया / सतबीर पाई
- शूद्र तेरी मजबूरी पूंजीपति करै ना पूरी / सतबीर पाई
- कुछ भी सोच विचार किया ना / सतबीर पाई
- कही सुणी पै चाल रह्या के / सतबीर पाई
- भीम का एक ही इशारा है / सतबीर पाई
- मनु का भारत मैं लागू विधान ना चाहिए / सतबीर पाई
- कैसे बुरा होया थारा हाल शूद्रो / सतबीर पाई
- के कारण था के कर बैठ्या / सतबीर पाई
- शूद्र तेरे सुधार मैं किस किस नै बाजी लाई / सतबीर पाई
- संघर्ष ना छोड़ इरादा ना तोड़ / सतबीर पाई
- शिकार हुआ अलाचार हुआ इन जुल्मों का भरपूर / सतबीर पाई
- तू बिकता रोज़ बाज़ार मैं तेरी होती रोज़ दलाली / सतबीर पाई
- महंगाई की रेस देश मैं होगी बेशुमार रै / सतबीर पाई
- रै रक्षा करो संविधान की / सतबीर पाई
- ऐ जी ऐ जी थारी कैसे हुई तबाही / सतबीर पाई
- सुण कै बहुत खुशी छाई म्हारे इस पैगाम की / सतबीर पाई
- मात मेरा प्यार भरा प्रणाम / सतबीर पाई
- आएगी आएगी जनता बनाएगी बीएसपी की सरकार / सतबीर पाई
- आग्या वक्त तेरे जागण का / सतबीर पाई
- भारत मैं महामानव का / सतबीर पाई
- सुणो सभी नर नार म्हारी बीएसपी की सरकार / सतबीर पाई
- बेइमानां नै लूट कै म्हारा देश खा लिया / सतबीर पाई
- सारे होज्यां सुखी कोई भी दुखी नर नार रहै कोन्या / सतबीर पाई
- करल्यो इब पहचान सुणो सब साथी रै / सतबीर पाई
- कोई बात नहीं ऐतराज की / सतबीर पाई
- एक बात सुणो सरेआम हमारे नेता कांशीराम / सतबीर पाई
- होया सवेरी त्यार बता कित जावैगा भरतार / सतबीर पाई
- भूल गया तेरै याद नहीं मैं / सतबीर पाई
- न्यूँ पछताया कर ना पाया / सतबीर पाई
- आज बुरा हाल है / सतबीर पाई
- बच्चे बच्चे की जुबान पै / सतबीर पाई
- बीएसपी तेरी चाह्वै सै भलाई / सतबीर पाई
- कैसी विचारधारा आपकी भीम जी / सतबीर पाई
- झूठी गलां नाल ऐ समाज डस्या ऐ कांग्रेस्या / सतबीर पाई
- भीम भारत रतन कर्या ऐसा जतन / सतबीर पाई
- करल्यो सोच विचार सब नर नार / सतबीर पाई
- बहुत से रहबर कहगे री अमल करणिया रहगे री / सतबीर पाई
- सुण ले बहुजन नर नारी रै / सतबीर पाई
- चाल्या होया सै दौर जोर तै साक्षरता अभियान का / सतबीर पाई
- इसा सुनहरी मौका ल्याया साक्षरता अभियान रै / सतबीर पाई
- इसे सुनहरी मुहुरत को अब ले पहचान / सतबीर पाई
- पड़णा जरूरी सै जिन्दगी अधूरी सै / सतबीर पाई
- सै इसमैं थारी भलाई पढ़ो जुटकै लोग लुगाई / सतबीर पाई
- अनपढ़ रहणा ठीक नहीं सै यू भी मोटा चाला / सतबीर पाई