शूद्र तेरी मजबूरी पूंजीपति करै ना पूरी / सतबीर पाई
शूद्र तेरी मजबूरी
पूंजीपति करै ना पूरी
क्यूं तू इनकी आस करै
तेरा धुर दिन तै नाम करै...
करगे बुरा हाल, फेर भी आया कोन्या ख्याल
इसा ढाल बनाया तेरा
ऐसी चाली चाल झूठी दे दे कै मिसाल
इसा जाल तेरै पै गेरा
तनै बेरा कोन्या पाट्या फेर तू जातियाँ मैं बाँटया
क्यू न ईब ना इकलास करै...
नहीं बसाई पार तेरा छीन्या कारोबार
इन च्यार के नीति कारण
कर्या जुल्मों का शिकार, शूद्र दे दिया करार
या बात नहीं साधारण
उदाहरण तेरे स्याहमी आज भी सिर पै धरी गुलामी
क्यूं ना तू अहसास करै...
बहुत हुए बरबाद, तेरी लूट ली जायदाद
अपराध करे बड़े भारी
झगड़े और फसाद, तजो आपसी विवाद
करो याद हकीकत सारी
यां म्हारी कर आपस मैं फूट इन्होंने खूब मचाई लूट
झूठ पै तू क्यूं विश्वास करै...
कहूं जोड़ं कै हाथ लागज्या बी.एस.पी. के साथ
एक बात ध्यान मैं धरले
तेरे सुधरैंगे हालात शूद्र देखिये करामात
बस इतनी हिम्मत कर ले
लोग इसे भाग ज्या आखिर, जब पाई वाला सतबीर
इनका पर्दाफास करै।...