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लड़का लड़की एक फर्क क्यूं समझो सो नर नारी / सतबीर पाई

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लड़का लड़की एक फर्क क्यूं समझो सो नर नारी
भेजो रोज स्कूल कदे भी भूल करो ना भारी
 
लड़के नै अपणा समझो लड़की भी नहीं बिराणी
द्वेष करोगे लड़की तै या बात नहीं सै स्याणी
दोनों के अधिकार बराबर बांट करो क्यूं काणी
लड़का बेशक पढ़ै नहीं पर लड़की जरूर पढ़ाणी
ईब ना चाहिए देर लगाणी समझो जिम्मेवारी
 
इतना करती काम धाम फेर लड़की मजबूर किसी
गोबर कूड़ा करै रात दिन जिन्दगी चकनाचूर किसी
लड़के का पूरा आदर फेर लड़की ऊपर घूर किसी
मात पिता की नजरों से या रहै शिक्षा तै दूर किसी
शिक्षा बहुत जरूरी या कन्या कित ज्यागी बेचारी
 
लड़की तै दो घर सुधरैं सब नर नारी कुछ ख्याल करो
न्हाण धोण और पीण खाण तै पोषण सुथरी ढाळ करो
लड़की ना हो तंग ढंग तै पूरी देख और भाळ करो
कर दे रोशन नाम एक दिन ना पढ़ाणे की टाळ करो
देर नहीं फिलहाल करो सब लोग पढ़ाण की त्यारी
 
पढ़े लिखे बिन हर माणस न्यू पशु समान कह्या जा सै
शिक्षा तै बुद्धि आज्या वो फेर विद्वान कह्या जा सै
पढ़ लिखकै नै अफसर लागैं फेर इनसान कह्या जा सै
सतबीर सिंह प्रचारी का पाई अस्थान कह्या जा सै
न्यू बेज्ञान कह्या जा सै अनपढ़ता बुरी बिमारी