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चाल्या होया सै दौर जोर तै साक्षरता अभियान का / सतबीर पाई

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चल्या होया सै दौर जोर तै साक्षरता अभियान का
इसमैं हाथ बंटाओ आओ फर्ज बणै इनसान का...टेक

पढ़े लिखे बिन जिन्दगी के दिन किस तरियां तै कट ज्यांगे
कुछ दिन पाछै देखो गुंठे लागणे भी हट ज्यांगे
क्युकर सांटे सट ज्यांगे ना मालूम अक्षर ज्ञान का...

कोन्या अनपढ़ माणस नै सुख, दुखड़ा भी बहोत हो
सब तरियां तै मुश्किल दिखै, जीवणा भी मौत हो
दिल की मध्यम जोत हो न्यू साक्का होज्या जान का...

हीनता और चिंता मैं पागल कैसा हाल होज्या
आवै पढ़ाई याद बाद मैं आगै चलकै काल होज्या
विद्या बिन कंगाल बता के फल लागै धनवान का...

खामैखां होरह्या से राजी कोई भी हिसाब नहीं
विकास होण का तेरे पास तो एक भी जवाब नहीं
पाई वाले कोई लाभ नहीं सतबीर सिंह तेरे गाण का...