होया सवेरी त्यार बता कित जावैगा भरतार / सतबीर पाई
होया सवेरी त्यार बता कित जावैगा भरतार खामखां फिरै आवारा...टेक
पुरुष: औड़ै जुड़ै बहुत नर नार रै
स्त्री: क्यूकर रहल्यूं घर मैं बता अकेली
तनै रोज फिरण की ठेकेदारी ले ली
कद कहै सै जलसा म्हारा कदे कहै सै रैली
मैं नई रवेली बीर देख कै रोज करै तकरार तेरा यू भाईचारा...
पुरुष: साच्ची कहर्या कोन्या झूठ बहकाऊं
गैल चाल कै देख तनै ले जाऊं
जाणा पड़ जरूर हूर मैं कोन्या देर लगाऊं
करो तसल्ली तनै पढ़ाऊं पेपर और अखबार आज का पढ़ले सारा...
स्त्री: घरां रहयाकर आग्या बुरा जमाना
ठीक नहीं जाणा तेरा रोजाना
घड़वा बैंजू उठा हाथ में होज्या फेर रवाना
तेरा मिलाणा रोज बहाना बिल्कुल सै बेकार यू लिकड़ैगा दुख भारा...
पुरुष: हाथ जोड़ कै कहूं जरूरी जाणा
स्याणी होकै ना चाहिए नाक चढ़ाणा
पाई वाले सतबीर सिंह नै गीत मिशन का गाणा
ना चाहिए तनै हटाणा मिलकै खूब करै प्रचार ना मौका मिलै दोबारा...