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कैसे निजात पायें आतंकवाद से / डी. एम. मिश्र

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कैसे निजात पायें आतंकवाद से
सब ख़ैर ही मनायें आतंकवाद से

सेना, पुलिस सभी कुछ उपलब्ध है तो फिर
सरकारें क्यों घबरायें आतंकवाद से

दो - दो हमारे पी एम की जान जा चुकी
क्षति कितनी और उठायें आतंकवाद से

बंदूक , बम से मसले होते न कभी हल
बाज़ भी वो आयें आतंकवाद से

विक्षिप्त हैं वो यद्यपि दें नाम धर्म का
लोगों को क्यों डरायें आतंकवाद से