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गरियाबंद / संजीव बख़्शी

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गरियाबंद के
तहसील आफ़िस वाले
शिवमंदिर में
ट्रेज़री का बड़ा बाबू
बिना नागा
प्रतिदिन एक दिया
जलाया करता

मेरी स्मृतियों में
वह हमेशा
वहाँ दिया जलाता रहेगा
चाहे आँधी हो या तूफ़ान ।

मेरी स्मृतियों में वह
बड़ा बाबू
कभी सेवानिवृत्त नहीं होगा।