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गर्दिश-ए-अर्ज-ओ-समावत ने जीने न दिया / 'कैफ़' भोपाली

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गर्दिश-ए-अर्ज-ओ-समावत ने जीने न दिया
कट गया दिन तो हमें रात ने जीने न दिया

कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंजूर
और कुछ उन की इनायत ने जीने न दिया

हादसा है के तेरे सर पर इल्ज़ाम आया
वाकया है के तेरी ज़ात ने जीने न दिया

‘कैफ’ के भूलने वाले खबर हो के उसे
सदमा-ए-तर्क-ए-मुलाकात ने जीने न दिया