नीक बात नै ठीक लगै छौ
जो बरगाहीं मरेंगन
अभी उमर छौ पढ़ै लिखै के
अभी उमर छौ ज्ञान सिखै के
नै कर वनचर मकतें बेटा
अभी उमर छौ लोग बनै के
बात मान त पढ़ेंगन, या-
जो बरगाहीं मरेंगन
ऊ साथी सब काम नै देतौ
जे तोरा गाँजा पिलबै छौ
ऊ सब मतलब के साथी छौ
जे सब तोरा बहकाबै छौ
बात अगर उकरू बुझबै छौ
जाय के चीलम भरेंगन
चेहरा पर त बारह बजै छौ
भैर पेट नै खाय ले मिलै छौ
रात-रात भर खों-खों करै छें
तैयो गाँजे पिऐ ले मरै छें
खोखो से नै निन्द हुऐ छौ
बैठल गिनै छें तरेंगन
घर-दुआर से मतलब नै छौ
घर में खाली खाना छौ
काम-धाम नै तास खेल के
कैसूँ दिवस बिताना छौ
काम-धाम के भाँड़ में झोंकें
तास के पत्ती घरेंगन
ओकरो तों पतीते बुझिहें
जे तोरा समझाबै छौ
सच्चा साथी ऊ सब छीकौ
जे चीलम पकराबै छौ
जब हमरा कहले में नै छें
जे मन आबौ करेंगन
नीक बात नै ठीक लगै छौ
जो बरगाहीं मरेंगन