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कँटरेंगनी के फूल / विजेता मुद्गलपुरी
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कँटरेंगनी के फूल
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रचनाकार | विजेता मुद्गलपुरी |
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प्रकाशक | जनकथन प्रकाशन |
वर्ष | 1998 |
भाषा | अंगिका |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 48 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- वन्दना करते रहो / विजेता मुद्गलपुरी
- कुण्डलियाँ / कँटरेंगनी के फूल / विजेता मुद्गलपुरी
- दोहे / कँटरेंगनी के फूल / विजेता मुद्गलपुरी
- मुकरी / कँटरेंगनी के फूल / विजेता मुद्गलपुरी
- कोइलिया / विजेता मुद्गलपुरी
- हम्मर वसन्त नै ऐलै / विजेता मुद्गलपुरी
- स्वेटर के बीन-बीन / विजेता मुद्गलपुरी
- नया बियहुआ के ऐंगना में / विजेता मुद्गलपुरी
- मन के कोना-कोना महकल / विजेता मुद्गलपुरी
- कँटरेंगनी के फूल (गीत) / विजेता मुद्गलपुरी
- प्रीत लाचार छै / विजेता मुद्गलपुरी
- कहिया ऐतै / विजेता मुद्गलपुरी
- कोनची लिखिऐ कोनची नै / विजेता मुद्गलपुरी
- एकरा तौं अवला नै समझो / विजेता मुद्गलपुरी
- कोय नै पतियाबै छै / विजेता मुद्गलपुरी
- राजनीति के गोपनीय अध्याय / विजेता मुद्गलपुरी
- वृद्धा पेंशन / विजेता मुद्गलपुरी
- की जमाना रहै देखते-देखते / विजेता मुद्गलपुरी
- हेलै के हठ कैने छै ई जब / विजेता मुद्गलपुरी
- धरम जात के छै कहानी / विजेता मुद्गलपुरी
- किस्ते-किस्त मरै छै गाँधी / विजेता मुद्गलपुरी
- खेत मजदूर / विजेता मुद्गलपुरी
- पुसभत्ता / विजेता मुद्गलपुरी
- हमरो घर पंजाब भेल छै / विजेता मुद्गलपुरी
- के फोरलक चीलम रे / विजेता मुद्गलपुरी
- ऐंगनों के छै दोष / विजेता मुद्गलपुरी
- एकरा त लीखल छै मुक्का के माएर / विजेता मुद्गलपुरी
- जो बरगाहीं मरेंगन / विजेता मुद्गलपुरी
- भगत सिंह से ऊँचा / विजेता मुद्गलपुरी
- तरुण के ताको / विजेता मुद्गलपुरी
- तोरी-तोरी नोह से तमाँकू तरहत पर / विजेता मुद्गलपुरी
- काबिल के कहल कखनियो न करलक / विजेता मुद्गलपुरी
- चाकर चरस कें त चाहियो अमल नित / विजेता मुद्गलपुरी
- राजनीति खड़ा करो जाति के जमीन पर / विजेता मुद्गलपुरी
- आबो तनी गौर करो, देश के दशा के देखो / विजेता मुद्गलपुरी
- लिफाफा के टुकड़ा / विजेता मुद्गलपुरी
- लोग कहै छै / विजेता मुद्गलपुरी
- चतरा खुश छै / विजेता मुद्गलपुरी
- गमारिन लड़की / विजेता मुद्गलपुरी
- नास्तिक के सम्मान में / विजेता मुद्गलपुरी
- ई वैतरणी के गाय नै छीकै / विजेता मुद्गलपुरी
- चलें बिलैया खेलै ले / विजेता मुद्गलपुरी