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टेढ़ी-मेढ़ी रेखा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
Kavita Kosh से
जीवन क्या है?
वह टेढ़ी-मेढ़ी-सी रेखा
प्रथम और अन्तिम दो श्वास-
बिन्दुओं को जो मिला रही है।
और मृत्यु क्या?
‘वह, वह एक सरल-सी रेखा
अंतिम और प्रथम दो श्वास-
बिन्दुओं को जो मिला रही है।
30.10.76