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शंख और बाँसुरी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
Kavita Kosh से
शंख और बाँसुरी
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रचनाकार | द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी |
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प्रकाशक | |
वर्ष | 1991 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- न आद्यन्त मेरा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आग और पानी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- हस्ताक्षर / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- टेढ़ी-मेढ़ी रेखा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सीमित-असीमित / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- भग्न प्रतिमा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- छाँह की बाँह / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- चाँद की डेमोक्रेसी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- स्व स्वयं विश्व / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- मृत्यु का जन्म / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सूरज की डिक्टेटरशिप / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- प्रीति पर पहरा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सिर चढ़ा सूरज / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- प्रेय-गेय-श्रेय / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- ओरे ओ आसमान / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सोने के हल से / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- फकीर बन कर लकीर / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- नीलकंठ के दर्शन / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- दुमुहाँ साँप नहीं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- अतीत और वर्तमान / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- पतझड़ी उमर / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- कविता भूँजी जाती है / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आँगन सूना / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- कंस के बदले हंस / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- अभी विहाग नहीं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- अहम् से हम / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- भाया या निभाया / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- काली गंगाजली / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- संज्ञाहीन संज्ञा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- न कर्ता, न क्रिया, न कर्म / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- मंच से कंचन / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- नाहक जगा दिया / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- भीष्म पर्व भी / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- तुम अपने: हम अपने / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- अंतर में अंगुलिमाल / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- वस्तु या व्यक्ति / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- वाल्मीकि का पहला छंद / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- भारत हमारा प्यारा / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- शंख और बाँसुरी (कविता) / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- भूल हो गई / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- ज्योति की तलवार / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आदमी जब तक / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आदमी और समय / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- रिश्तों का मन / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- संदेहों की दीवारें / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- विक्रेता-अश्रु हँसी के / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आदमी बहुत पढ़े हैं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आकर्षण तो बहुत / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- आदमी को बनाओ / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- कवि की प्यास / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सामवेदी ऋचा बन / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- स्वीकार नहीं, इन्कार नहीं / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- प्यार की तलवार / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- सौंगंध, / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
- उन धागों को / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी