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तस्वीर के लिए / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
बच्चे जब उकेर रहे होते
घास-फूस वाली झोपड़ी
झोपड़ी के पास मीठे फल से लदे पेड़
पेड़ की डगाल पर खुशी बाँचती चिडिया
तब
बिलकुल भूल जाते हैं
गाँव से घुसा आ रहा है बवंडर
तेज़ करके रखी जा चुकी है कुल्हाड़ी
नये शिकार की फ़िराक में
निकल पड़ा है बहेलिया
चित्ताकर्षक तस्वीर के लिए
बहुत ज़रूरी है
उन्हें चौकस रखे
रंगो का कोई जानकार