भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
होना ही चाहिए आँगन / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
					(होना ही चाहिए आंगन / जयप्रकाश मानस से पुनर्निर्देशित)
										
					
					
होना ही चाहिए आंगन

| रचनाकार | जयप्रकाश मानस | 
|---|---|
| प्रकाशक | वैभव प्रकाशन, शिवा इलेक्ट्रिकल्स के सामने, पुरानी बस्ती, रायपुर, छत्तीसगढ़, 492001 | 
| वर्ष | |
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | |
| पृष्ठ | 172 | 
| ISBN | |
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- भूमिकाः आदिम लोकराग तलाशती कविताएं-श्री रमेश दत्त दुबे
 - भूमिकाः अपनी धरती की तलाश-श्री नंदकिशोर तिवारी
 
कविताएं
- पता नहीं / जयप्रकाश मानस
 - मृत्यु के बाद / जयप्रकाश मानस
 - जाने से पहले / जयप्रकाश मानस
 - ऊहापोह / जयप्रकाश मानस
 - ख़ुशगवार मौसम / जयप्रकाश मानस
 - जब कभी हो ज़िक्र मेरा / जयप्रकाश मानस
 - सबसे अच्छी परजा / जयप्रकाश मानस
 - मिसिर जी / जयप्रकाश मानस
 - अनन्त बीज वाला पेड़ / जयप्रकाश मानस
 - लोग मिलते गये काफ़िला बढ़ता गया / जयप्रकाश मानस
 - मनौती / जयप्रकाश मानस
 - आयेगा कोई भगीरथ / जयप्रकाश मानस
 - प्रायश्चित / जयप्रकाश मानस
 - खतरे में है बचपन / जयप्रकाश मानस
 - वज़न/ जयप्रकाश मानस
 - अकाल में गाँवः तीन चित्र / जयप्रकाश मानस
 - मिलन पाठ / जयप्रकाश मानस
 - अभिसार / जयप्रकाश मानस
 - कहीं कुछ हो गया है / जयप्रकाश मानस
 - दाग / जयप्रकाश मानस
 - वनदेवता से पूछ लें / जयप्रकाश मानस
 - सुघड़ता / जयप्रकाश मानस
 - अशेष / जयप्रकाश मानस
 - अब जो दिन आयेगा / जयप्रकाश मानस
 - निकल आ / जयप्रकाश मानस
 - डैने / जयप्रकाश मानस
 - कुछ बचे या न बचे / जयप्रकाश मानस
 - लाख दुश्मनों वाली दुनिया के बावजूद / जयप्रकाश मानस
 - रहस्य / जयप्रकाश मानस
 - बहुत कुछ है अपनी जगह / जयप्रकाश मानस
 - जनहित / जयप्रकाश मानस
 - जाने से पहले / जयप्रकाश मानस
 - ख़तरा / जयप्रकाश मानस
 - बचे रहेगें सबसे अच्छे / जयप्रकाश मानस
 - एक जरूरी प्रार्थना / जयप्रकाश मानस
 - जीत / जयप्रकाश मानस
 - ठण्डे लोग / जयप्रकाश मानस
 - ख़ौफ़ / जयप्रकाश मानस
 - कुछ छोटी कविताएं / जयप्रकाश मानस
 - वनवासी गमकता रहे / जयप्रकाश मानस
 - रास्ते / जयप्रकाश मानस
 - नदी / जयप्रकाश मानस
 - मनोकामना / जयप्रकाश मानस
 - ख़ाली समय / जयप्रकाश मानस
 - नींद से छूटते ही चला जाऊँगा / जयप्रकाश मानस
 - वापसी / जयप्रकाश मानस
 - इधर बहुत दिन हुए / जयप्रकाश मानस
 - ऐसे में तुम / जयप्रकाश मानस
 - शाम घिरने से पहले / जयप्रकाश मानस
 - तस्वीर के लिए / जयप्रकाश मानस
 - जो हुआ नहीं पृथ्वी में / जयप्रकाश मानस
 - अभी भी / जयप्रकाश मानस
 - चिट्ठी- दो कविताएँ / जयप्रकाश मानस
 - तीन कविताएं / जयप्रकाश मानस
 - विदाई के बाद / जयप्रकाश मानस
 - फिर से / जयप्रकाश मानस
 - सफ़र में / जयप्रकाश मानस
 - रतजगा / जयप्रकाश मानस
 - सत्यबीज / जयप्रकाश मानस
 - कैसोवरी, हमारे द्वीप में आना मत / जयप्रकाश मानस
 - शर्त / जयप्रकाश मानस
 - कल देखना मुझे / जयप्रकाश मानस
 - कृष्णावतरण / जयप्रकाश मानस
 - शब्द ऐसा ही चाहिए / जयप्रकाश मानस
 - अमरस / जयप्रकाश मानस
 - एक अदद घर / जयप्रकाश मानस
 - रहा जा सकता है वहाँ भी / जयप्रकाश मानस
 
	
	