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सबसे अच्छी परजा / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
जो राजा की पालकी के साथ
नहीं दौड़ती
जो राजा के जूतों का गीत
नहीं गुनगुनाती
जो राजा की मुद्राएँ देखकर
चेहरे की भाषा नहीं बदलती
जो राजा के यश के लिए
फ़क्क़ सुफ़ैद शब्द नहीं जुटाती
अच्छी परजा होती है वह भी
अच्छा परजा जनमती है
बिरादरी की ख़ुशहाली के लिए
अच्छी परजा चली जाती है
बिरादरी की ख़ुशहाली के लिए
सबसे अच्छी परजा बहुत बुरी होती है
राजा के राजपत्र में
परजा ही होती है
अच्छा राजा