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जनहित / जयप्रकाश मानस
Kavita Kosh से
कोई
सड़क के बीचों-बीच
पसर गया है
ख़ून से तर-बतर
समय का एक कत्थई धब्बा होने से पहले
आप जान गए पहचान गए
हाँ वही डकैत
क्या करेंगे आख़िरकार आप
डॉक्टर के पास उठा ले चलेंगे
या फिर पुलिस थाना
कहना मुझे सिर्फ़ यह है
बुद्धिमानी हर हमेशा
ठीक नहीं
जनहित के लिए