तीरगी थी तो रौशनी कर ली
यूँ मदद अपनी आप ही कर ली
हमने आँखों को रात समझाया
और ख़्वाबों से दिल्लगी कर ली
रात भर आसमान देखा किये
चाँद ने सुबहा खुदकशी कर ली
जब ज़बां वाले बेवफा निकले
बेज़बानों से दोसती कर ली
आईने से लिपट के रोते हैं
गोया ख़ुद ही से आशिक़ी कर ली